18 दिसंबर 2025 - 14:10
मुस्लिम देशों का एकता जरूरी, फूट फैलाना दुश्मनों का हथियार

ईरानी राष्ट्रपति डॉ मसऊद पीज़िश्क्यान ने मुस्लिम देशों की आपसी एकता पर जोर देते हुए कहा कि फूट और मतभेद दुश्मन के हथियार हैं।

ईरान के राष्ट्रपति डॉ मसऊद पीज़िश्क्यान ने कहा है कि मुस्लिम देशों के बीच एकता अनिवार्य है। अगर मुस्लिम उम्मह एकजुट रहे तो कोई भी ताकत मुसलमानों को पीछे नहीं धकेल सकती।
प्राप्त विवरण के अनुसार, तेहरान में इमाम ख़ुमैनी वर्ल्ड अवार्ड के पहले समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी पूरी उम्मह के लिए एकता, भाईचारा और एकजुटता का संदेश लेकर आए थे और उनकी सोच आज भी मुस्लिम दुनिया के लिए मार्गदर्शक है।
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि इमाम ख़ुमैनी हमेशा मुस्लिम उम्मह के बीच एकता के इच्छुक रहे। उन्होंने राष्ट्रीयता, भाषा और भौगोलिक सीमाओं से ऊपर उठकर मुसलमानों को एक-दूसरे के करीब लाने की कोशिश की। इमाम ख़ुमैनी का संदेश केवल जबानी नहीं था बल्कि व्यावहारिक एकता पर आधारित था।
डॉ मसऊद पीज़िश्क्यान ने कहा कि मुस्लिम देशों को केवल ज़ुबानी दावों पर ही संतुष्ट नहीं होना चाहिए बल्कि व्यावहारिक कदमों के ज़रिए यह साबित करना होगा कि वे आपसी सहयोग और एकता कायम करने की क्षमता रखते हैं। जब तक मुस्लिम दुनिया एकजुट नहीं होगी, दुश्मन ताकतें मतभेदों को हवा देती रहेंगी।
राष्ट्रपति डॉ मसऊद पीज़िश्क्यान ने इस अवसर पर कहा कि इमाम ख़ुमैनी की शिक्षाएं आज की दुनिया के मुश्किल भरे हालात में भी मुस्लिम देशों के लिए स्पष्ट दिशा प्रदान करती हैं। मुस्लिम उम्मह अगर इन सिद्धांतों को अपनाए तो राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में मज़बूत हो सकती है।

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